यह गोपनीयता इसलिए बेहद जरूरी थी, ताकि पहले से जानकारी हासिल कर संदिग्ध लोग सोना, प्रॉपर्टी या अन्य कोई एसेट खरीदकर अपने काले धन को ठिकाने न लगा लें. अधिया की निगरानी में रिसर्च टीम ने पूरी तरह से इसका सैद्धांतिक खाका तैयार किया. इस टीम में डेटा और फाइनेंशियल एनालिसिस के युवा एक्सपर्ट थे, तो कुछ ऐसे युवा भी जो मोदी के सोशल मीडिया एकाउंट और स्मार्टफोन ऐप का कामकाज संभालते हैं.
अगले साल यूपी में चुनाव होने वाले थे और ऐसे में कुछ बीजेपी नेताओं को डर था कि कहीं पार्टी को इसका नुकसान न उठाना पड़े, लेकिन नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा से कुछ वक्त पहले ही बुलाए गए कैबिनेट मीटिंग में कहा था, 'मैंने पूरी तरह से रिसर्च कर लिया है, यह यदि विफल होता है तो दोष मुझे दीजिएगा.'